Tulsidas ka mul naam kya tha
Tulsidas ramayan pdf...
तुलसीदास
| गोस्वामी तुलसीदास | |
|---|---|
तुलसीदास रामचरितमानस की रचना करते हुए | |
| जन्म | रामबोला ११ अगस्त १५११ (सम्वत्- 1568 वि०, श्रावण शुक्ल सप्तमी, शुक्रवार)[1] सोरों शूकरक्षेत्र, जनपद- कासगंज, उत्तर प्रदेश, भारत |
| मृत्यु | ३० अगस्त १६२३ (सम्वत १६८० वि०, श्रावण शुक्ल सप्तमी, गुरुवार) वाराणसी |
| गुरु/शिक्षक | शूकरक्षेत्र सोरों निवासी पंडित नृसिंह चौधरी |
| खिताब/सम्मान | गोस्वामी, अभिनववाल्मीकि, इत्यादि |
| साहित्यिक कार्य | रामचरितमानस, विनयपत्रिका, दोहावली, कवितावली, हनुमान चालीसा, वैराग्य सन्दीपनी, जानकी मंगल, पार्वती मंगल, इत्यादि |
| कथन | सीयराममय सब जग जानी। करउँ प्रनाम जोरि जुग पानी ॥ (रामचरितमानस १.८.२) |
| धर्म | हिन्दू |
| दर्शन | विशिष्टद्वैत |
गोस्वामी तुलसीदास (११ अगस्त १५११ - १६२३) मध्यकालीन हिन्दी साहित्य के महान रामभक्त इव कवि थे। उन्होने रामचरितमानस और हनुमान चालीसा जैसे विश्व प्रसिद्ध ग्रंथो की रचना की है। इन्हें आदिकाव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।
श्रीरामचरितमानस का कथानक रामायण से लिया गया है। ब्रजावधी में रचित श्र